- अपने मोबाइल पर आने वाले किसी भी ई-मेल, पॉप-अप या एसएमएस को अच्छे से पढ़ें। यूं ही किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें।
- उन मैसेज का रिप्लाय नहीं दे, जिनकी प्रमाणिकता पर आपको संदेह हो।
- अपनी संवेदनशील जानकारियां जैसे सीवीवी, ओटीपी, पिन, अकाउंट नंबर, पासवार्ड आदि को अपने मोबाइल में नहीं रखें। ना ही इन्हें कहीं टेक्स्ट के रुप में लिखें।
- हमेशा ऐप इंस्टॉल करने के लिए गूगल प्ले स्टोर या एपल ऐप स्टोर पर ही जाएं। साथ ही ऐप में कंपनी का लोगो और स्पेलिंग जरूर चैक कर लें।
- ओटीपी, आईडी, सिक्योर कार्ड और रिक्वेस्ट के अंतर का ध्यान रखें।
- कैशबेक या रिफंड वाली स्कीमों के लालच में ना आएं। इनसे दूर ही रहें।
- किसी भी ऐप को अनुमति आवश्यकता के अनुसार ही दें। हो सके तो वन टाइम अलाउ ही करें।
- अपने मोबाइल में एक एंटीवायरस ऐप रखें और नियमित रुप से डिवाइस को स्केन करें।
- अपने फोन में हमेशा एक स्ट्रॉन्ग पासवर्ड प्रोटेक्शन रखें। इसके लिए फिंगरप्रिंट का भी यूज करें।
10.अगर उपयोग में नहीं आ रही हो, तो मोबाइल में ब्लूटूथ को ऑफ करके रखें। हैकर्स इसका उपयोग आपके मोबाइल को हैक करने के लिए कर सकते हैं।
- गूगल पे पर पे और रिसीव को देखकर पेमेंट ट्रांसफर करें।
- अगर कोई ऐप एसएमएस पढ़ने या कॉल करने की अनुमति मांग रहा है, तो उसे इंस्टॉल ना करें। आप चाहें, तो ऐप को इंस्टॉल होने और वेरीफिकेशन करने तक के लिए ये अनुमति दे सकते हैं, उसके बाद ये अनुमति बंद कर दें।
- साइबर एक्सपर्ट के अनुसार ट्रू-कॉलर और जूम हार्मफुल ऐप हैं, इन्हें इंस्टॉल करने से बचें।
- कोई भी कंपनी (यूपीआई, बैंक या अन्य) कभी भी किसी भी तरह के रिफंड के लिए पिन या ओटीपी नहीं मांगती है।
- साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, कोई भी कंपनी आपको कोई लिंक भेजकर या कॉल या फिर एसएमएस कर फ्री रिचार्ज की पेशकश नहीं करती है।
फ्रॉड हो गया है, तो करें ये काम
- अगर आपके अकाउंट से किसी ने पैसा निकाल लिया है, तो सबसे पहले बैंक और यूपीआई को कॉल करें ताकि पेमेंट फ्रीज़ किया जा सकता है या रिफंड लिया जा सके।
- फ्रॉड होने पर साइबर एक्सपर्ट की मदद जरूर लें और एफआईआर दर्ज करवाएं।
- अगर ट्रांजेक्शन शॉपिंग में हुआ है, तो संबंधित शॉपिंग वेबसाइट को कॉल कर रेफरेंस आईडी के साथ जानकारी दें।
- अगर ट्रांजेक्शन नेट बैंकिंग के जरिए आईटी उपकरणों की खरीदारी में हुआ है, तो संबंधित वेबसाइट को कॉल करें, और उन्हें बताएं कि आप सेवाओं का उपयोग नहीं कर रहे हैं, ताकि वे आगे होने वाले ट्रांजेक्शंस ब्लॉक कर सकें।
- फ्रॉड होने पर एफआईआर के समय ट्रांजेक्शन के लिए आए एसएमएस का प्रिंट निकालकर अवश्य दें |
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